देवनागरी लिपि--Devanagari script

 🎤 देवनागरी लिपि :-

एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे नागरी लिपि भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमन और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। हिन्दी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय- आर्य भाषा है। सन 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 25.79 करोड़ भारतीय हिंदी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। सन 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था

 

🎙विशेषताएँ

यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।

भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। यह विश्व में प्रचलित सभी लिपियों की अपेक्षा अधिक पूर्णतर है। इसके लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है।

इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर काशी में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा।

भारत तथा एशिया की अनेक लिपियों के संकेत देवनागरी से अलग हैं, पर उच्चारण व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं- क्योंकि वो सभी ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए इन लिपियों को परस्पर आसानी से लिप्यन्तरित किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है।

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🎤 देवनागरी लिपि :- एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे नागरी लिपि भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमन और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। हिन्दी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय- आर्य भाषा है। सन 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 25.79 करोड़ भारतीय हिंदी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। सन 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था     🎙विशेषताएँ यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।  भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। यह विश्व में प्रचलित सभी लिपियों की अपेक्षा अधिक पूर्णतर है। इसके लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है।  इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर काशी में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा।  भारत तथा एशिया की अनेक लिपियों के संकेत देवनागरी से अलग हैं, पर उच्चारण व वर्ण-क्रम आदि देवनागरी के ही समान हैं- क्योंकि वो सभी ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए इन लिपियों को परस्पर आसानी से लिप्यन्तरित किया जा सकता है। देवनागरी लेखन की दृष्टि से सरल, सौन्दर्य की दृष्टि से सुन्दर और वाचन की दृष्टि से सुपाठ्य है।  ─⊱━•┄┄•◆𖣥🌹🌹𖣥◆•┄┄•━⊰─             ─⊱━━━⊱❤️⊰━━━⊰─    Devanagari script :- There is a script in which many Indian languages ​​and some foreign languages ​​are written. Languages ​​like Sanskrit, Pali, Hindi, Marathi, Konkani, Sindhi, Kashmiri, Nepali, Garhwali, Bodo, Angika, Magahi, Bhojpuri, Maithili, Santhali etc. are written in Devanagari. It is also called Nagari script. Apart from this, in some cases, Gujarati, Punjabi, Bishnupuria Manipuri, Roman and Urdu languages ​​are also written in Devanagari. Hindi is the official and central Indo-Aryan language of the Republic of India. According to the 2001 census, about 25.79 million Indians use Hindi as their mother tongue, while about 42.20 million people use one of its more than 50 dialects. Before 1998, in terms of the number of mother tongues, Hindi was given the third place in the statistics of the most spoken languages ​​in the world.     Features It is the most prevalent script in India in which Sanskrit, Hindi and Marathi languages ​​are written. The first mention of this word is found in Jain texts in 453 AD. There is no unanimity regarding the name 'Nagri'. Some people attribute this to the use in cities. It was known in its earliest form as the Brahmi script. Its present form begins to be found from the ninth-tenth century.  In linguistics terminology it is called 'alphabet' script. It is more complete than all the scripts prevalent in the world. There is no difference between its written and spoken form. Each sound signal is written as it is.  It has a total of 52 letters, with 14 vowels and 38 consonants. The arrangement and arrangement of letters is also very scientific. The classification of vowel-consonant, soft-hard, low-spirited, nasal-anastha-heat etc. is also scientific. According to one opinion, due to the prevalence in Devnagar Kashi, it was named Devanagari.  The signs of many scripts of India and Asia are different from Devanagari, but pronunciation and alphabetical order are similar to Devanagari - because they all originated from Brahmi script. Hence these scripts can be easily transcribed with each other. Devanagari is simple from the point of view of writing, beautiful from the point of view of beauty and legible from the point of view of reading.  •┄┄•◆𖣥🌹🌹𖣥◆•┄┄•━⊰─


Devanagari script :-

There is a script in which many Indian languages ​​and some foreign languages ​​are written. Languages ​​like Sanskrit, Pali, Hindi, Marathi, Konkani, Sindhi, Kashmiri, Nepali, Garhwali, Bodo, Angika, Magahi, Bhojpuri, Maithili, Santhali etc. are written in Devanagari. It is also called Nagari script. Apart from this, in some cases, Gujarati, Punjabi, Bishnupuria Manipuri, Roman and Urdu languages ​​are also written in Devanagari. Hindi is the official and central Indo-Aryan language of the Republic of India. According to the 2001 census, about 25.79 million Indians use Hindi as their mother tongue, while about 42.20 million people use one of its more than 50 dialects. Before 1998, in terms of the number of mother tongues, Hindi was given the third place in the statistics of the most spoken languages ​​in the world.

 

Features

It is the most prevalent script in India in which Sanskrit, Hindi and Marathi languages ​​are written. The first mention of this word is found in Jain texts in 453 AD. There is no unanimity regarding the name 'Nagri'. Some people attribute this to the use in cities. It was known in its earliest form as the Brahmi script. Its present form begins to be found from the ninth-tenth century.

In linguistics terminology it is called 'alphabet' script. It is more complete than all the scripts prevalent in the world. There is no difference between its written and spoken form. Each sound signal is written as it is.

It has a total of 52 letters, with 14 vowels and 38 consonants. The arrangement and arrangement of letters is also very scientific. The classification of vowel-consonant, soft-hard, low-spirited, nasal-anastha-heat etc. is also scientific. According to one opinion, due to the prevalence in Devnagar Kashi, it was named Devanagari.

The signs of many scripts of India and Asia are different from Devanagari, but pronunciation and alphabetical order are similar to Devanagari - because they all originated from Brahmi script. Hence these scripts can be easily transcribed with each other. Devanagari is simple from the point of view of writing, beautiful from the point of view of beauty and legible from the point of view of reading.

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