जायसी के सर्वोत्कृष्ट ग्रंथ का नाम क्या है?
📖 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
💐❣️ UGC NET PART हिंदी भाषा एवं साहित्य से जुड़े तथ्य 💐❣️
🟩 'प्रेमसागर' के लेखक कौन हैं।
→ साहित्यकार के रूप में लल्लू लालजी किस पायदान पर हैं, इसका मूल्यांकन करना तो आलोचकों का काम है, लेकिन यह सब मानते हैं कि हिन्दी के विकास में उनका योगदान है। 1804 ई. से 1810 ई. के बीच लिखी गई उनकी कृति 'प्रेमसागर' कृष्ण की लीलाओं व भागवत पुराण के दसवें अध्याय पर आधारित थी।
🟥 जायसी के सर्वोत्कृष्ट ग्रंथ का नाम क्या है?
→ 'पद्मावत' मसनवी शैली में रचित एक प्रबंध काव्य है। इस महाकाव्य में कुल 57 खंड हैं। जायसी ने अपने इस श्रेष्ठ महाकाव्य की रचना दोहा-चौपाइयों में की है। जायसी संस्कृत, अरबी एवं फ़ारसी के ज्ञाता थे, फिर भी उन्होंने अपने ग्रंथ की रचना ठेठ अवधी भाषा में की। इसी भाषा एवं शैली का प्रयोग बाद में गोस्वामी तुलसीदास ने अपने ग्रंथरत्न 'रामचरितमानस' में किया।
🟧 मनोविश्लेषणात्मक शैली के उपन्यासकार कौन हैं?
→ इलाचन्द्र जोशी का जन्म अल्मोड़ा में 1903 ई. में हुआ था। हिन्दी में मनोवैज्ञानिक उपन्यासों का आरम्भ श्री जोशी से ही होता है। जोशी जी ने अधिकांश साहित्यकारों की तरह अपनी साहित्यिक यात्रा काव्य-रचना से ही आरम्भ की। पर्वतीय-जीवन विशेषकर वनस्पतियों से आच्छादित अल्मोड़ा और उसके आस-पास के पर्वत शिखरों ने और हिमालय के जलप्रपातों एवं घाटियों ने, झीलों और नदियों ने इनकी काव्यात्मक संवेदना को सदा जागृत रखा।
🟥 बिहारी निम्नलिखित में से किस काल के कवि थे?
→ बिहारी लाल का नाम हिन्दी साहित्य के रीति काल के कवियों में महत्त्वपूर्ण है। महाकवि बिहारीलाल का जन्म 1595 के लगभग ग्वालियर में हुआ। उनके पिता का नाम केशवराय था। उनका बचपन बुंदेलखंड में बीता और युवावस्था मथुरा में व्यतीत हुई।
🟥 हिन्दी भाषा की लिपि 'भारतीय संविधान' में किसे स्वीकार किया गया है?
→ देवनागरी भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि है, जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। देवनागरी के लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे 'नागरी लिपि' भी कहा जाता है।

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