खजुराहो परिचय
दोस्तों आपने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी कामुक तस्वीरों को जरूर देखा होगा लेकिन अगर यही तस्वीर मंदिरों पर बनी हो तो यह काफी हैरानी की बात है इन हैरान करने वाले प्राचीन स्मारकों में खजुराहो के प्राचीन मंदिरों का नाम भी शामिल है जो अपनी बेहद बारीक नक्काशी और कामुक मूर्तियों के लिए पूरी दुनिया भर में फेमस है इन मंदिरों की दीवारों पर बनी यह कामोत्तेजक मूर्तियां यहां आने वाले सभी लोगों को हैरत में डाल देती है इन्हें देखकर लोग सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर इन मूर्तियों को क्यों बनाया गया और दोस्तों आज की हमारी इस पोस्ट में हम इन मूर्तियों का इतिहास और इसके पीछे छिपे रहस्य के बारे में ही जानने वाले हैं दोस्तों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में खजुराहो नाम का एक शहर है जिसका इतिहास बहुत ही पुराना रहा है बताया जाता है कि इस शहर का नाम खजुराहो इसलिए पड़ा था क्योंकि एक समय यहां खजूर के पेड़ों का एक बहुत बड़ा जंगल हुआ करता था लोग यह भी मानते हैं कि प्राचीन समय में इस शहर के गेट पर खजूर के दो बड़े बड़े पेड़ हुआ करते थे जिनकी वजह से इसका खजुराहो नाम रखा गया था वैसे सही कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन यह बात तो साफ़ साफ है कि शहर के नाम का कनेक्शन खजूर के पेड़ से ही है हालांकि इस समय की अगर बात करें तो आधे शहर अपने नाम या खजूर के पेड़ों की वजह से नहीं बल्कि यहां मौजूद प्रमुख मंदिरों के लिए पूरे दुनिया भर में जाना जाता है।
खजुराहों के मंदिर के प्रसिद्ध कारण
खजुराहो में हिंदू और जैन धर्म के कुछ ऐसे प्राचीन मंदिर है जिन्हें भारत की सबसे खूबसूरत और सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक विरासत में से एक माना जाता है इन सभी मंदिरों को एकत्रित रूप से खजुराहो स्मारक समूह का नाम दिया गया है इन मंदिरों की सबसे बड़ी खासियत दीवारों पर बनी हुई वह कामुक मूर्तियां हैं यहां आने वाले लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती रहती है साथ ही यह मूर्तियां पूरी दुनिया को यह दिखाती है की प्राचीन मूर्ति कला इन मंदिरों के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है
यूनेस्को द्वारा मंदिरों के इस समूह को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल
इनको साल 1986 में यूनेस्को द्वारा मंदिरों के इस समूह को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल कर लिया गया था और भी बहुत से ऐसे मंदिर मौजूद हैं जहां कामुक मूर्तियां बनी हुई दिखाई देती हैं लेकिन किसी भी मंदिर में वह बात नजर नहीं आती जो खजुराहो के मंदिरों में है
निर्माण इतिहास
बताया जाता है कि इन मंदिरों का निर्माण 850 से 1050 के बीच राजवंश के दौरान करवाया गया था साथ ही इसको इस को बनाने की शुरुआत चंदेल राजवंश के पहले शासक द्वारा की गई थी यही वजह है कि आज उन मंदिरों को बनाने का पूरा श्रेय दिया जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजा चंद्र वर्मा राजवंश के सबसे महान राजा माने जाते हैं क्योंकि आठवीं सदी में उनके द्वारा ही इस राजवंश की स्थापना की गई थी उस समय उनकी खंड नाम दिया गया था आज के समय के हिसाब से देखें तो राजा चंद्र चंदन का साम्राज्य यमुना और नर्मदा नदियों के बीच बुंदेलखंड से उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है राजवंश के सभी शासकों को कला से बहुत प्यार था।
उन्होंने अपने शासनकाल में उन्होंने खूबसूरत मंदिरों का निर्माण कराया था इन सभी मंदिरों का निर्माण होने में लगभग 165 साल का समय लग गया था इस दौरान चंदेल राजवंश के शासक जरूर बदलते रहे लेकिन मंदिरों के निर्माण का कार्य चलता रहा इतिहासकार बताते हैं कि शुरुआत में इन मंदिरों की संख्या 50 थी जो कि लगभग 20 किलोमीटर के एरिया में फैले हुए थे लेकिन अब आए हैं जो किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं।
नष्ट होने के कारण
दीवारों पर बनी मूर्तियों की वजह से बहुत से लोग और पंथ धर्म के विरुद्ध मानते थे इसीलिए इतिहास में कई बार इन मंदिरों को नष्ट करने के प्रयास किए गए गया गया इसके अलावा गुलाम वंश के कुतुबुद्दीन ऐबक और लोदी वंश के सिकंदर लोदी जैसे और भी कई शासकों ने कई बार इन मंदिरों को नष्ट करने के प्रयास किए और इस तरह नष्ट होते होते आज खजुराहो में सिर्फ 20-25 मंदिर ही बाकी रह गए हैं खजुराहो के मंदिरों पर बनी मूर्तियों में स्त्रियों और पुरुषों के बीच होने वाली काम क्रिया के अलग-अलग आसनों को दिखाया गया है इन दीवारों पर काम सूत्र के अलग-अलग बड़ी ही खूबसूरती और कलाकारी से प्रदर्शित किए गए हैं वैसे अगर आप सोचते हैं कि इन दीवारों पर सिर्फ कामुक मूर्तियां बनाई गई हैं तो आप पूरी तरह गलत है क्योंकि इन मंदिरों में कामुक मूर्तियों के अलावा बहुत सी ऐसी मूर्तियां भी हैं जो इंसानों की रोजमर्रा की जिंदगी को बड़ी ही सुंदरता से दर्शाती हैं अब समाज के की अगर बात करें तो मंदिर पर बनी यह कामुक मूर्तियां उन्हें काफी अजीब और असली नजर आती है और बहुत से लोग इन मूर्तियों के होने का कड़ा विरोध करते हैं वैसे देखा जाए तो हम इंसानों के बीच हमेशा एक गुप्त क्रिया मानी जाती है ऐसे में मंदिर जैसी पवित्र जगह पर खुले रूप से इस तरह की मूर्तियों का होना कोई आम बात नहीं है
ऐसी मूर्ति बनाने का कारण
अब ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर इन मंदिरों की दीवारों पर इन मूर्तियों को क्यों बनाया गया और अगर यह मूर्तियां समाज को कोई खास मैसेज देती हैं तो वह मैसेज किया है दोस्तों मंदिर पर इस तरह की मूर्तियां बनाने का मकसद क्या था इसका एक सटीक जवाब किसी के पास नहीं है
कुछ अलग अलग विद्वानों के द्वारा इन मूर्तियों के बनाए जाने के पीछे अलग-अलग कारण बताए जाते हैं तो चलिए हम इन मूर्तियों के बनाए जाने के कुछ प्रसिद्ध कारणों के बारे में जानते हैं
पहला कारण
दोस्तों खजुराहो के मंदिरों में इनका मूर्तियों को बनाने का सबसे बड़ा कारण एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है इस कथा में बताया गया है कि काशी के रहने वाले एक प्रसिद्ध ब्राह्मण राजपुरोहित हेमराज की बेटी हेमवती बहुत ज्यादा सुंदर हुआ करती थी एक दिन शाम के समय एक तालाब में स्नान कर रही थी कि तभी चंद्रमा यानी चंद्र देव की नजर पड़ गई तालाब के पानी में भीगे हेमवती के सौंदर्य को देख कर देखकर उसी पर उन्हें अपना दिल दे बैठे चाह कर भी खुद को रोक नहीं पाए और अपना रूप बदलकर तुरंत ही हेमवती के पास पहुंच गए उन्होंने हेमवती को पाने के लिए उनका अपहरण कर लिया और उन्हें अपने साथ जंगल ले गए। जंगल में जाने के बाद युवती को भी उनसे प्यार हो गया और इस मिलन हेमवती ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम उन्होंने चंद्रन रखा।
समाज के चंद्र अवस्थी ने अपने बेटे का पालन पोषण जंगल में ही किया था शुरुआत से ही अपने बेटे को एक महान शासक बनाना चाहती थी चंद्रवड़नी बड़े होकर चंदेल वंश की नींव रखी और अपनी मां का सपना पूरा करते हुए वह एक महान राजा और वीर बर्मन की वर्मा हेमवती सपने में आई और उन्होंने चंद्र मंदिर बनाने को कहा जो समाज में यह संदेश पहुंचाएं कि इंसान की जिंदगी में दूसरी चीजों की तरह इस हर्ष भी जिंदगी का अहम हिस्सा होती है और अपनी इच्छाओं को पूरा करना किसी भी तरह का कोई बात नहीं होता यह सपना देखने के बाद की ठान लिया कि वे अपनी मां की इच्छा को हर हाल में पूरा करेंगे और काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने इन मंदिरों के निर्माण के लिए खजुराहो नगर को चुना था इसके लिए सबसे पहले उन्होंने खजुराहो को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया और फिर अपनी राजधानी में उन्होंने पचासी विधियों का एक विशाल यज्ञ करवाया बाद में इन्हीं विधियों की जगह पर यह पचासी भव्य मंदिर बनवाए गए जो अपनी खूबसूरती और कलाकृतियों के लिए आज भी दुनिया में प्रसिद्ध है और दोस्तों इस पौराणिक कथा के अनुसार इस तरह दुनिया के अंदर अस्तित्व में आए ।
दूसरा कारण
बहुत से खोजकर्ता का कहना है कि ये मूर्तियां इसलिए बनाई गई थी ताकि यहां आने वाले लोग अपने मन से सभी तरह के भोग विलास को खत्म करके शांत मन से मंदिर के अंदर जाएं इन विद्वानों का यह कहना था कि इंसान अपनी आस्थाओं से तब तक छुटकारा नहीं पा सकता जब तक कि खुद उसका एक्सपीरियंस ना कर ले और लोगों को उनकी आशाओं का अनुभव कराने के लिए ही मंदिर की बाहरी दीवारों पर यह मूर्तियां बनाई गई थी इन मूर्तियों को इस तरह से बनाया गया है कि मंदिर में जाने वाले हर एक व्यक्ति की नजर इनके ऊपर जरूरत पड़ती है और इस तरह इन मूर्तियों की वजह से लोग एक शांत मन को लेकर इन मंदिरों में प्रवेश करते हैं।
तीसरा कारण
तीसरा कारण दोस्तों इस तरह की मूर्तियां बनाने के पीछे एक तरकीब भी दिया जाता है तर्क दिया जाता है कि इस जमाने में यह मंदिर बनाए गए थे उस समय बौद्ध धर्म बहुत तेजी से फैल रहा था और बौद्ध धर्म के प्रभाव में आकर उस समय के ज्यादातर युवा अपना घर बार और को छोड़कर ब्रह्मचर्य जीवन को अपनाने लगे थे बताया जाता है कि उन युवाओं को फिर से गृहस्थ जीवन की तरफ लुभाने के लिए ही खजुराहो सहित देशभर में इस तरह के मूर्तियां बनाए गए थे दर्शन हिंदू और जैन धर्म के लोग युवाओं को यह समझाना चाहते थे कि गृहस्थ जीवन अपना कर दी मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है इसीलिए इस तरह के मंदिरों को अलग-अलग जगहों पर बनाया गया था।
चौथा कारण
इन मंदिरों पर यह मूर्तियां बनाने का एक कारण यह भी बताया जाता है कि चंदेल राजवंश के दौरान इस साम्राज्य में तांत्रिकों का एक समुदाय रहा करता था और इस समुदाय के लोग उस समय युवक वह दोनों को ही मोक्ष प्राप्त करने का साधन मानते थे वे लोग इस बात को समाज में पहुंचाना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने इन मंदिरों पर इस तरह की मूर्तियों का निर्माण कराया था।
दोस्तों आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि भारत के मशहूर आध्यात्मिक गुरु रजनीश ओशो ने इन मूर्तियों को स्विच वर्ल्ड की सबसे अच्छी धरोहर बताया है उसने अपने प्रवचन में खजुराहो के मंदिरों पर खुलकर अपने विचार रखे थे उन्होंने कहा है कि खजुराहो में ऐसा नहीं लगेगा कि उन्हें कुछ गंदा है आप ऐसा नहीं सोचेंगे कि बनाने वाले की सोच गंदी थी यहां तो इन मेट्रो प्रतिमाओं को देख देखकर शांति और पवित्रता का अनुभव होता है जो बड़ी ही हैरानी की बात है उसने कहा था कि जो लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते उन्हें इन मंदिरों को देखने के लिए जाना चाहिए क्योंकि उनका यह मानना था कि मंदिरों की दीवारों पर बनी इन मूर्तियों को अगर कोई इंसान ध्यान लगाकर सिर्फ घंटे बाद देख ले लें तो इससे उसकी वासना हमेशा के लिए खत्म हो सकती है वहीं मूर्तियों को मेडिटेशन का सबसे अच्छा ऑब्जेक्ट मानते थे इसी तरह दोस्तों अलग-अलग लोग खजुराहो के इन मंदिरों और मूर्तियों को बनाने के पीछे अपनी अलग-अलग राय और सोच रखते हैं।
दुनिया को चौंकाने वाली कला
वैसे इनको बनाने की सही वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन इन्हें देखकर एक बात तो कही जा सकती कि इनको बनाने वाले कारीगर वाकई कमाल की प्रतिभा वाले रहे होंगे तभी तो उन्होंने उस जमाने में भी बिना किसी आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से जबरदस्त स्ट्रक्चर्स बना कर खड़े कर दिए बाकी दोस्तों दोस्तो आप क्या सोचते हैं यह कामुक मूर्तियां बनाने के पीछे क्या वजह रही होंगी होंगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं बाकी आज के लिए बस इतना ही । लेख अच्छा लगा तो लाइक और चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल ना भूलें आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Khajuraho Introduction
Friends, you must have seen erotic pictures at some point in your life, but if this picture is made on the temples, then it is quite surprising that these amazing ancient monuments also include the name of the ancient temples of Khajuraho, which are very fine carvings. And it is famous all over the world for erotic sculptures, these erotic sculptures made on the walls of these temples astonish all the people who come here, seeing them, people are wondering why these idols were made and friends today That in this post of ours, we are going to know only about the history of these idols and the secret behind it, friends, there is a city named Khajuraho in Chhatarpur district of Madhya Pradesh, whose history is very old, it is said that the name of this city Khajuraho was lying because at one time there used to be a huge forest of palm trees, people also believe that in ancient times there used to be two big palm trees at the gate of this city, due to which it was named Khajuraho. Well, whatever the reason may be, but this thing So it is clear that the connection of the name of the city is only with the date palm tree, although if we talk about this time, half the city is not because of its name or date palm trees, but for the major temples present here. .
Famous reasons for Khajuraho temple
There are some ancient temples of Hinduism and Jainism in Khajuraho, which are considered one of the most beautiful and most famous historical heritage of India. All these temples are collectively named Khajuraho Memorial Group. The biggest feature of these temples is the walls. But those erotic sculptures made here keep attracting the attention of the people who come here, as well as these sculptures show this to the whole world. The importance of ancient sculpture art can be gauged from this fact.
This group of temples has been included in the World Heritage by UNESCO.
In the year 1986, this group of temples was included in the list of World Heritage Site by UNESCO, and there are many such temples where erotic sculptures are seen, but in any temple that thing is not seen in Khajuraho. in the temples of
construction history
It is said that these temples were built during the dynasty between 850 to 1050, as well as it was started by the first ruler of the Chandela dynasty, which is why today full credit is given for building those temples. For your information, let us tell you that Raja Chandra Varma is considered to be the greatest king of the dynasty because this dynasty was established by him in the eighth century, at that time his section was named, according to today's time, the king The kingdom of Chandra Chandan stretched from Bundelkhand to Uttar Pradesh between the Yamuna and Narmada rivers. All the rulers of the dynasty had a great love for art.
During his reign, he had built beautiful temples, it took about 165 years for the construction of all these temples, during this time the rulers of the Chandela dynasty kept changing but the work of construction of temples continued, historians tell that in the beginning these temples were built. The number of temples was 50 which were spread over an area of about 20 kms but now there are those which are spread over a radius of kms.
due to destruction
Because of the idols made on the walls, many people and sects believed against religion, that's why many times in history, attempts were made to destroy these temples, apart from this many others like Qutubuddin Aibak of Slave dynasty and Sikandar Lodi of Lodi dynasty. The rulers tried to destroy these temples many times and in this way, only 20-25 temples are left in Khajuraho today, in the sculptures made on the temples of Khajuraho, the work between women and men is different. Different rugs have been shown, on these walls, different types of Kama Sutras have been displayed very beautifully and artistically, however, if you think that only erotic sculptures have been made on these walls then you are completely wrong because in these temples Apart from the erotic idols, there are many such sculptures which depict the everyday life of humans very beautifully, now if we talk about the society, then these erotic sculptures made on the temple look very strange and real to them and many people find these erotic sculptures very strange and real. Strongly oppose the existence of idols, by the way, if we look at humans It is always considered a secret activity in the middle, so it is not common to have such idols openly in a holy place like a temple.
the reason for making such an idol
Now the question comes in the mind of most of the people that why these idols were made on the walls of these temples and if these idols give a special message to the society, then that message has been sent to friends, what is the purpose of making such idols on the temple. no one has an exact answer to this
Different reasons are given by some different scholars behind the making of these idols, so let us know about some famous reasons for making these idols.
primary reason
Friends, the biggest reason for making their idols in Khajuraho temples is related to a legend. In this story it is told that Hemvati, daughter of Hemraj, a famous Brahmin Rajpurohit living in Kashi, used to be very beautiful one day in the evening. She was taking a bath in a pond, that is when the moon ie Chandra Dev was noticed, seeing the beauty of Hemvati soaked in the water of the pond, she could not stop herself even after wanting to give her heart on her and changed her form immediately. Reaching Hemvati, he kidnapped her to get Hemvati and took her with him to the forest. After going to the forest, the girl also fell in love with him and from this union Hemavati gave birth to a son whom they named Chandran.
Chandra Awasthi of the society had raised her son in the forest itself. From the very beginning, Chandravadni wanted to make her son a great ruler. Chandravadni grew up and laid the foundation of Chandel dynasty and fulfilling her mother's dream, she became a great king and heroic Burman. Verma Hemvati came in a dream and asked to build a moon temple, which would send the message to the society that like other things in human life, this joy is also an important part of life and there is no such thing as fulfilling one's desires. He was determined after dreaming that he would fulfill his mother's wish at any cost and after much deliberation, he had chosen Khajuraho city for the construction of these temples, for this he first made Khajuraho the kingdom of his kingdom. He made a capital and then in his capital, he made a huge sacrifice of eighty methods, later on the place of these methods, eighty grand temples were built, which is still famous in the world for its beauty and artifacts and friends according to this legend like this came into existence in the world.
second reason
Many explorers say that these idols were made so that the people who come here should end all kinds of indulgences from their mind and go inside the temple with a calm mind. These scholars said that humans should get rid of their beliefs till then. Can't get it until he himself experiences it and to make people feel their hopes, these idols were made on the outer walls of the temple, these idols have been made in such a way that every person who goes to the temple Eyes are needed on them and thus because of these idols people enter these temples with a calm mind.
third reason
The third reason, friends, an idea is also given behind making such sculptures, it is argued that these temples were built in this era, at that time Buddhism was spreading very fast and most of that time came under the influence of Buddhism. The youths had started adopting celibacy life leaving their home and it is said that such idols were made all over the country including Khajuraho only to entice those youths again towards the householder life. Wanted to explain that salvation can be achieved by adopting a householder's life, that is why such temples were built at different places.
fourth reason
One of the reasons for making these idols on these temples is also told that during the Chandela dynasty there used to be a community of tantrics in this kingdom and the people of this community at that time considered both of them to be the means of attaining salvation. Wanted to convey this thing to the society and that is why he had built such idols on these temples.
Friends, you will be surprised to know that the famous spiritual guru of India, Rajneesh Osho, has described these idols as the best heritage of Switch World, he had openly expressed his views on the temples of Khajuraho in his discourse, he has said that Khajuraho will not look like that. They have something dirty, you will not think that the thinking of the builder was dirty, here, seeing these metro statues, one experiences peace and purity, which is very surprising, he said that those who can not control their emotions They should go to see these temples because they believed that if a person meditates and sees these idols made on the walls of the temples after only hours, then his lust can end forever, while the idols are used for meditation. Believed to be the best object, similarly friends, different people have different opinions and thinking behind making these temples and idols of Khajuraho.
world shocking art
By the way, whatever may have been the right reason for making them, but seeing them, one thing can be said that the artisans who made them must have been really amazing talent, only then they have made tremendous structures even in that era without the help of any modern technology. Stand up the rest of the friends, what do you think would have been the reason behind making these erotic sculptures, definitely tell us by commenting, that's all for today. If you like the article then don't forget to like and subscribe the channel thank you very much