दुनिया मे पहली बार
ऐसा समय देख रहे है
जब इंसान ने जीने के लिए
पैसा कमाना छोड़ दिया है..
इस कड़े इम्तेहान के दौर में,
इतना करम करना.
किसी ग़रीब का चूल्हा ना,
बुझने पाऐ इसका ख्याल रखना.
फूलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते हैं,
सुखा पेड़ और मुर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते,
खाना खिलाने वालों, बांटने वालों
और घर घर खाना पहुंचाने वालों
खुदा तुम्हें इतनी दौलत दे कि
तुम्हारा खजाना कभी खत्म ना हो
थकना भी लाज़मी था कुछ काम करते करते
और थक गया हूँ आराम करते करते
ख़ुशी के माहौल में
मौत का फ़रमान आ रहा है
जो कहते थे गाँव मे क्या रखा है
आज उन्हें भी गाँव याद आ रहा है..!
यूं पुरखों की जमीन बेचकर गांव से ना जाया करो..
कब छोड़ना पड़े शहर, गांव में भी एक घर बनाया करो..!
बात ये है कि बात कोई नही
मैं अकेला हूँ साथ कोई नहीं
🌼🌼🌼सुप्रभात🌻🌻🌻
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