🔆नरसापुर क्रोशिया लेस शिल्प
✅ क्षेत्र: शिल्प भौगोलिक दृष्टि से आंध्र प्रदेश के गोदावरी क्षेत्र में पश्चिम गोदावरी के 19 मंडलों तक सीमित है।
✅ पृष्ठभूमि: इस क्षेत्र के कृषक समुदाय की महिलाओं ने लगभग 150 साल पहले रंगीन फीते से अत्यधिक आकर्षक कलाकृतियाँ बनाना शुरू किया था।
✅ 2004 में, भारत में अपनी तरह का पहला लेस पार्क यहां स्थापित किया गया था जहां हजारों क्रोकेट लेस निर्माता अपने उत्पादों का विपणन कर सकते हैं।
✅ कलाकृति: फीते का काम पतले धागों का उपयोग करके किया जाता है और इन्हें फिर से अलग-अलग आकार की पतली क्रोकेट सुइयों से बुना जाता है।
✅ उत्पाद नारंगी, हरा, नीला, सफेद और बेज जैसे जीवंत रंगों में उपलब्ध हैं।
✅ क्रोकेट लेस उत्पाद यूके, यूएसए, फ्रांस आदि देशों में भी निर्यात किए जाते हैं।
Narasapur Crochet Lace Craft
Region: The craft is geographically limited to 19 mandals in West Godavari in the Godavari region of Andhra Pradesh.
Background: The women of the farming community of this region started creating highly attractive artefacts from colourful lace, about 150 years ago.
In 2004, the first of its kind lace park in India was established here where thousands of crochet lace makers can market their products.
Artwork: The lace work is done using thin threads and these are again woven with thin crochet needles of varying sizes.
The products are available in vibrant colors like orange, green, blue, whitered, and beige.
The crochet lace products are also exported to countries like the UK, USA, France, etc.
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