"काशी नागरी प्रचारिणी सभा" की स्थापना कब हुई? → 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' हिन्दी भाषा और साहित्य तथा देवनागरी लिपि की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार करने वाली देश की अग्रणी संस्था है।
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हिंदी भाषा एवं साहित्य से जुड़े तथ्य 💐❣️
🟥 "काशी नागरी प्रचारिणी सभा" की स्थापना कब हुई?
→ 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' हिन्दी भाषा और साहित्य तथा देवनागरी लिपि की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार करने वाली देश की अग्रणी संस्था है। इसकी स्थापना 'क्वीन्स कॉलेज', वाराणसी के नौवीं कक्षा के तीन छात्रों- श्यामसुंदर दास, पं. रामनारायण मिश्र और शिवकुमार सिंह ने कॉलेज के छात्रावास के बरामदे में बैठकर की थी। बाद में 16 जुलाई, 1893 को इसकी स्थापना की तिथि इन्हीं महानुभावों ने निर्धारित की और आधुनिक हिन्दी के जनक भारतेन्दु हरिश्चंद्र के फुफेरे भाई बाबू राधाकृष्ण दास इसके पहले अध्यक्ष हुए। काशी के 'सप्तसागर मुहल्ले' के घुड़साल में इसकी बैठक होती थी। बाद में इस संस्था का एक स्वतंत्र भवन बना।
🟩 अपभ्रंश का सर्वप्रथम प्रयोग कहाँ पर हुआ?
→ 'महाभाष्य' महर्षि पतंजलि द्वारा रचित है। पतंजलि ने पाणिनि के 'अष्टाध्यायी' के कुछ चुने हुए सूत्रों पर भाष्य लिखा था, जिसे 'व्याकरण महाभाष्य' का नाम दिया गया। 'महाभाष्य' वैसे तो व्याकरण का ग्रंथ माना जाता है, किन्तु इसमें कहीं-कहीं राजाओं-महाराजाओं एवं जनतंत्रों के घटनाचक्र का विवरण भी मिलता हैं। पतंजलि द्वारा कृत 'महाभाष्य' 84 अध्यायों में विभक्त है। इसका प्रथम अध्याय "पस्पशा" के नाम से जाना जाता है, जिसमें शब्द स्वरूप का निरूपण किया गया है।
🟧 शुद्ध कविता की खोज' नामक आलोचनात्मक कृति किस साहित्यकार की है?
→ रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी के प्रसिद्ध कवियों में से एक हैं। दिनकर की गद्य कृतियों में मुख्य हैं- उनका विराट ग्रन्थ 'संस्कृति के चार अध्याय' (1956 ई.), जिसमें उन्होंने प्रधानतया शोध और अनुशीलन के आधार पर मानव सभ्यता के इतिहास को चार मंजिलों में बाँटकर अध्ययन किया है। भाषा की भूलों के बावज़ूद शैली की प्रांजलता रामधारी सिंह दिनकर के गद्य को आकर्षित बना देती है। दिनकर की प्रसिद्ध आलोचनात्मक कृतियाँ हैं- 'मिट्टी की ओर' (1946 ई.), 'काव्य की भूमिका' (1958 ई.), 'पंत, प्रसाद और मैथिलीशरण' (1958 ई.), हमारी सांस्कृतिक कहानी (1955) और 'शुद्ध कविता की खोज़' (1966 ई.)
🟥 डोगरी भाषा मुख्य रूप से कहाँ बोली जाती है?
→ 'जम्मू और कश्मीर' एक भारतीय राज्य है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वत श्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह भारत की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से, दक्षिण में हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्यों से, पश्चिम में पाकिस्तान और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। कश्मीरी भाषा संस्कृत से प्रभावित है और गिलगित की विभिन्न पहाड़ी जनजातियों के द्वारा बोली जाने वाली भारतीय आर्य भाषाओं की दर्दीय शाखा की है। उर्दू, डोगरी, कश्मीरी, लद्दाखी, बाल्टी, पहाड़ी, पंजाबी, गुजरी और ददरी भाषाओं का प्रयोग साधारण नागरिकों द्वारा किया जाता है।
🟩 भारत के किस प्रान्त में कोंकणी भाषा बोली जाती है?
→ 'महाराष्ट्र' गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गोवा राज्यों से घिरा हुआ है। इसके पश्चिम में अरब सागर है। प्राचीन 16 महाजनपदों में 'अश्मक' या 'अस्सक' का स्थान आधुनिक अहमदनगर के आस-पास का माना जाता है। सम्राट अशोक के शिलालेख भी मुंबई के निकट पाए गए हैं। महाराष्ट्र के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे, जो महाराष्ट्र राज्य के संस्थापक थे। भारत की आज़ादी के बाद मध्य भारत के सभी मराठी भाषा के स्थानों का समीकरण करके एक राज्य बनाने को लेकर बड़ा आंदोलन चला और 1 मई, 1960 को कोंकण, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र तथा विदर्भ, सभी संभागों को जोड़कर महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई।
→ 'गोवा' भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। यह क्षेत्रफल में भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से दूसरा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने ख़ूबसूरत समुद्र के किनारों और मशहूर स्थापत्य कला के लिये जाना जाता है। महाभारत में गोवा का उल्लेख 'गोपराष्ट्र' अर्थात 'गाय चराने वालों का देश' के रूप में मिलता है। दक्षिण कोंकण का उल्लेख गोवा राष्ट्र के रूप में मिलता है। संस्कृत के कुछ प्राचीन स्रोतों में गोवा को 'गोपकपुरी' और 'गोपकपट्टन' कहा गया है, जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा 'हरिवंशम्' और 'स्कन्दपुराण' में प्राप्त होता है।

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