🎤 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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🔰काव्य रचनाओं सम्बन्धी विशेष जानकारी
◆जायसी (पदमावत—56-57 खंड)
◆नरपति नाल्ह (बीसलदेव रासो—4 खंड)
◆चंदबरदाई (पृथ्वीराज रासो— 69 समय)
◆सूरदास (सूरसागर —12 सकन्ध)
◆ज्योतिरीश्वर ठाकुर (वर्ण रत्नाकर—8 कल्लोल)
◆तुलसीदास (रामचरितमानस—7 कांड)
◆केशवदास (रामचन्द्रिका—39 प्रकाश)
●बिहारी (बिहारी सतसई—713 दोहे)
●सेनापति (कवित्त रत्नाकर—5 तरंग 394 छंद)
◆हरिऔध (प्रियप्रवास—17 सर्ग)
◆हरिऔध (वैदेही वनवास—18 सर्ग)
◆मैथिलीशरण गुप्त (साकेत—12 सर्ग)
●जयशंकर प्रसाद (कामायनी—15 सर्ग)
◆मुक्तिबोध (अँधेरे में—8खंड 71 बन्ध)
🔰 हिंदी आलोचना
1. “आलोचना समुच्चय ” आलोचना संग्रह का प्रकाशन किया। ~महावीर प्रसाद द्विवेदी
2. मिश्रबंधु विनोद किस काल में लिखा गया।~ द्विवेदी युग
3. हिंदी की प्रथम व्यवहारिक स्मीक्षा समाहित ह ।~सयोंगीता स्वयंवर
4. देखिये मार्क्सवाद सीखाता ह की हर चीज पर डाउट करो।कथन~ रामविलासशर्मा
5. तुलसी को सर्वश्रेष्ठ कवि मानने वाले आलोचक।~शुक्ल
6. हिंदी के सर्वश्रेष्ठ समालोचक।~शुक्ल
7. द्विवेदी युग के साहित्यकारों के दोषो का उदघाटन करने वाले आलोचक।~नन्ददुलारे वाजपेयी
8. मानवीय मूल्यों में गहन आस्था रखने वाले आलोचक।~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
9. मनुष्यता को साहित्य और रस का पर्याय मानने वाले आलोचक।~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
10. वर्ण भेद के आधार प समीक्षा करने वाले आलोचक।~डॉ रामविलास शर्मा
11. आ.हजारी प्रसाद द्विवेदी के समर्थक आलोचक।~डॉ नामवर सिंह
12. फ्रायड के मनोविज्ञान से प्रभावित आलोचक।~ नगेन्द्र
13. समकालीन समीक्षा की दोनों धारा वस्तुवाद और भाववाद का समन्वय का प्रयास किया ह।-रामस्वरूप चतुर्वेदी
14. आलोचना के नवीन मानदण्डों की स्थापना करने वाले आलोचक।~शुक्ल
15. दार्शनिक अनुशासन के आलोचक।~ डॉ देवराज
🔰 शृंगारिक रचनाएँ–
शृंगार निर्णय:- भिखारीदास
शृंगार विलाश:-सोमनाथ
शृंगार मंजरी:-चिन्तामणि
श्रृंगार मंजरी:-प्रताप साही
शृंगार शिरोमणि:-प्रताप साही व् यसवंत सिंह की भी है
शृंगार भूषण:-बेनी प्रवीण
शृंगार लतिका:-द्विज देव
शृंगार चालीसा:-द्विज देव
शृंगार बत्तीसी:-द्विज देव
शृंगार लता:-सुख देव
शृंगार सोरठा:-रहीम
शृंगार सागर:-मोहन लाल मिस्र
शृंगार रस माधुरी:-कृष्ण भट्ट देवऋषि
काव्यालोक :-रामदहिन् मिश्र
काव्य विवेक:-चिन्तामणि
काव्य प्रकाश:-चिन्तामणि
काव्य सरोज:- श्रीपति
काव्य निर्णय:-भिखारीदास
काव्य कलाधर:-रघुनाथ
काव्य विलाश:-प्रताप साही
काव्य विनोद:-प्रताप साही
काव्य रसायन:-देव
काव्य सिद्धान्त:-सुरति मिश्र
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